तुम भीतर सरलता से जा सकते हो क्योंकि बाहर जाने का द्वार बंद है।
3.
इसी तरह जब हम व्यक्ति की बुराई की इंतहा कर देते हैं तो उसके बाहर जाने का द्वार भी हम ही खोल देते हैं।
4.
(वैसे बाहर जाने का द्वार ही अन्दर आने का रास्ता भी सुझाता है!) और स्टेशन से आने-जाने वालो की भीड़ के बीच कही न कही एक खाली बेंच इंतज़ार कर रही होती है.